Wednesday, May 12, 2010

मम्मा, मेरी मां, प्यारी मां...

कहते है पिता तो अंगुली पकड़कर चलना सिखाता है, मगर मां ही सिखाती है समाज के साथ कदमताल से चलना। फिर चाहे द्वापर युग के विष्णु अवतार श्री कृष्ण की पालनहारी मां यशोदा हो या वर्तमान समय की मदर टेरेसा। धार्मिक-पौराणिक ग्रंथों में भी जिक्र है कि मां के ममत्व और वात्सल्य प्रेम की खातिर भगवान ने भी समय-समय पर धरती पर अवतार लिए। भगवान को तो किसी ने देखा नहीं, मगर ये सभी को पता है कि राम-कृष्ण-गुरुनानक-पैगंबर-जीसस इन सभी को भी मां ने ही जन्म दिया है। फिर डरने की क्या है बात, मां है तो सही हमारे साथ।

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