चांद से प्यारी चांदनी, चांदनी से प्यारी रात, रात से प्यारी जिंदगी और जिंदगी से प्यारी मां आप।
मां के बिना बच्चे पेड़ के टूटे हुए उस फूल के समान हैं, जिसे हर कोई रौंदना चाहता है।
मां ज्ञान का भंडार है, मां से बढ़कर कोई गुरु नहीं, मां एक किताब है, मां सफलता की पहली सीढ़ी है।
मां की हर बात को मानती हूं मैं आदेश, मां की हर बात में है मेरी भलाई का संदेश, उसे कितना प्यार करती हूं मैं नहीं जानती, अपने से जुदा मां को मैं नहीं मानती।
Wednesday, May 12, 2010
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